X बराबर मान लो
X बराबर मान लो (X BARABAR Maan Lo) मंगतू बच्चपन से ही स्वभाव से बहुत चंट चालाक था पर पढ़ाई में दौर-दौर का था खासकर… Read More »X बराबर मान लो
X बराबर मान लो (X BARABAR Maan Lo) मंगतू बच्चपन से ही स्वभाव से बहुत चंट चालाक था पर पढ़ाई में दौर-दौर का था खासकर… Read More »X बराबर मान लो
दिल से नहीं दिल्ली से (Dil Se Nahi Delhi Se) जब पूरे भारत की नजर दिल्ली की तरफ होती है, तब बात दिल से नहीं… Read More »दिल से नहीं दिल्ली से
वैंसे तो रिक्रूटर ज्यादातर एच आर (HR Recruiter) ही होते है जो अपनी विशेषज्ञता के आधार पर उम्मीदवार का चयन करते हैं, पर इन… Read More »पहाड़ी रिक्रूटर (नौकरी लगाने वाला रिश्तेदार)
ब्याखुनि का घाम गाड पार पहुँचने लग गया, उधर मां ने अपनी सिराणीं दाथुलि हाथ में लेकर दो गडुलि घास बांजा की काटने के लिए… Read More »गडुलि “माँ मि भि ल्यांदू”
हम पहाडी गढ़वालियों का महत्वपूर्ण त्यौहार ,,कुछ यादें फिर पहाड़ की ताजा हो जाती हैं,,और जब बात त्योहारों की हो तो अपने बचपन में माँ… Read More »जी हाँ आज “ईगास बग्वाल” है,
लगदे सौंण महीने की म्वोल संगरांती को जंगल के चौकदार ने चार (गांयों के घास घरने वाला चाराग्रह) बंद कर दी थी, बंद करने के… Read More »कब खुलाली चारी!
ना यनु ह्वे ना तनु ह्वे, जु ह्वे सु कन्न ह्वे। अरे ह्वोंण वालि बात छैई त् ह्वेगि। पर बात या चि कि, ह्वे पर… Read More »जु ह्वे सु कन्न ह्वे
एक कहनी, जब सुनाती थी नानी, जाना है नानी के घर। ये जिद्द मन में ठानी, वैंसे तो उम्र है उसकी पांच साल की। पर… Read More »एक कहनी, जब सुनाती थी नानी
देहरादून, दिल्ली, हल्द्वानी, और हरिद्वार जैंसे शहरों में रहने वाले, पहाड़ी कुबुद्धीजीवी पत्रकार, गायक, व गीतकार वर्ग कृपया ये बताओ कि पहाड़ की बेटी-ब्वारियों की… Read More »जनहित में जारी
कॉलेज का पहला दिन बहुत से नये चेहरों से रूबरू करवाता है, अलग अलग मिजाज और रंग रूप भाषा देखने व सुनने को मिलता है,… Read More »एक हसीना था!