पिछले एक साल से मेरे घर वाले मुझ पर मसांण जैंसे लगे हुए हैं कि बल अब फटाफट ब्यो कर, और मेरी ब्वे बोल रही है कि बुड्या नि ह्वे बल तु अभी. एैंसा नहीं है कि मैं कमाता नहीं हूँ या बेरोजगार हूँ। भगवान की दया से सब ठीक है, और कोर्स भी ढंगढाल का कर रखा है और तनख्वा भी ठीक है. ना ही म्येरी कोई गलफ्रेंड है. ज्वोग भी यन है कि कुंडली भी हर नौनी से जुड़ रही है. पर राड़ तो बस दो बातों पर मिसी हुई है. जैंसी नोनी मुझे पसंद है वैंसी नौनी मेरी ब्वे को कतई पसंद नहीं है. और इस चक्कर में जो छोटा भुला फौज में है उसका ब्यो हो गया. अब गौं वाला मनख्यों के गिच्चे में भौत सवाल है, कि बल किलै नि करी होगा ब्यो उसने. अर् कमी किसी मैं नहीं है ना मैंमा ना जिनके साथ कुंडली जुड़ी उन लड़कियों में. कमी है तो सिर्फ मेरी अंग्रेजी सोच मे और मेरि ब्वे की गढ़वाली सोच में ………. ..!
अब छोटे से अंग्रेजी स्कूल में रखा फिर कॉलेज होस्टल में अब नौकरी कारपोरेट जहाँ सब कुछ अंग्रेजी में होता है बल, ये बात कभी ब्वे की समझ में नहीं आती पहले खुद कहती थी कि “मिन त काटण सदनि न्यार घास अर नौनु पढ़ौंण बल अंग्रेजी क्लास” अब जब म्येरी सोच अंग्रेजी हो गई तो पसंद भी अग्रेजी ही होगी. गलती तो सब ब्वे कि है मुझे भी गौं में रखती वहीं पढ़ाती लिखाती पर म्येरी ब्वे भी तो ढीट जिकड़ी की है. अब हुआ यूं कि बढ़ा मुश्किल पर छै सात महीने में घर गया तो ब्वे बाबा ने मुझे अपने सामने पर बिठा दिया और मुझसे मेरा आखिरी जवाब जानने की कोशिश की कि मि क्या चांदू। कन नौनी पसंद है बल मुझे? और कैंसी पढ़ी लिखी होनी चाहिए बल? ब्वे ने जब मुझे सामने बिठाया तब मुझे डौर भी लग रही थी कि कक्खि मैं कुछ ब्वे की ना पसंद बोलूंगा और ब्वे पर देबता आ गया तो मुझे थपड़या-थपड़या करके मेरे जमले (गाल) लाल ना करदे या ताड़ा ना मार दे.
“Beautiful” नौनी नि चैंदी बल हमथैं “स्वांणी” नौनी चैंणी
आखि
फिर मैने अपनी ब्वे को समझाने की कोशिश की ब्वे “स्वांणी-म्वांणी” कहाँ तक खोजेगी. आजकल “ब्यूटीफुल-टैलेंटेड” और पढ़ी लिखी हर जगह मिल जायेगी पर ये “स्वांणी” और “सग्वोरदार” मिलना मुश्किल है. ब्वे ने कहा तु ज्यादा होशियार नि बंण मेरा सामणी मैं खुद खोजुदू त्वैथे स्वांणी नौनी. जन तु छौ वे हिसाब से स्वांणी नौनी भलि होंदिन. तु अपणी “ब्यूटीफुल व टैलेंट” पसंद नौनी तक्खि दिल्ली देरादूंण फुंड रख. मैने अपनी ब्वे को भौत समझाया कि या तो मुझे भी घर यही गाँव में रखती तब म्येरी पसंद भी स्वांणी होती, और जैंसा तू मेरे लेए ढंढने की कोशिश कर रही है उस चक्कर में मेरा ब्यो नि होंण कभि ना. उस हिसाब से मैं भी तो “स्वांणु-म्वांणू होना चाहिए ना ब्वे.
फिर म्येरी ब्वे ने सारे रिश्तेदार में बोल दिया हमारे पंडित को भी बता दिया। पर उनको भी कहीं स्वांणी नौनी मिलि सबने जब म्येरी ब्वे को फोन करके बताया कि फलांणा गौं की लड़की बल भौत ब्यूटिफुल अर् टैलेंटेड भी है, क्या करना है बल बात आगे बढ़ानी है बल ब्वे ने वहां के लिए भी पट मना कर दिया. और अपनी जिद्द पर अड़ी है. फिर मैने भी जानने की कोशिश की अपने कॉलेज के कुछ पुराने दोस्तों से कि बल ये “स्वांणी नौनी” कैंसी होती है बल? वो मेरे इस सवाल पर खित हंसने लगे और कहने लगे किस जमाने है बल तू अभी बल हमारे गाँव में तो ब्यूटीफुल नौनी रहती हैं “स्वांणी नहीं.
अब म्येरी ब्वे ने सारे रिश्तेदारों को ताने मारने शुरु कर दिए और पंडित जी ने भी हाथ खड़े कर दिए.अब और भी परेशान हो चुकी थी म्येरी ब्वे स्वांणी नौनी ढूंढने मे. फिर मैने अपनी ब्वे को कहा कि ब्वे काश तू भी “Mummy या मेरी Mom” होती अब तक म्येरा ब्यो हो जाता पर तुझे तो स्वांणी नौनी चाहिए बल. ब्वे ने कहा तु ज्यादा अंग्रेजी मा चिफली गिच्ची नि कर नवरात्रि मा देहरादूंन जांण बल तेरा मामा का थक. देहरादून मा त् मिली जाली बल स्वांणी नौनी अगर ये हमरा रूद्रप्रयाग चमोली मा कक्खि नि छन्न त. नेगी जी का सुद्धि बोल रखा है।सब्बि धांणी देरा दूंण ह्वोंणि खांणी देरादूंण तु ज्यादा चितो ना म्यारा लाटा बल स्वांणी नौनी देरादूंण लेख – हरदेव नेगी
👍🏻👍🏻👍🏻👍🏻👍🏻😊
thanks bhai
Kya baat hai. Kamaal ka likha hai.
Superp awesome
dhanyawaad didi
Kya baat hai. Kamaal ka likha hai. Ati sunder lekh hai negi g. Ap ne too pahad ko ek likh m bya ker diya
Superp awesome
thanks didi
very nice bejhi , bhout sunder
dhaynawaad neelam ji.
thanks bhaiji
बहुत सुंदर
dhanyawaad ji
Supperrbbb write up…very hilarious 😅
dhanyawaad
thank you so much ma’am
Abal bhaiya …
swanu lekh😍😍😍
thanks bhuli
So nice bhaiya
Thanks pooja bhuli